हाल ही में बैंकों और वित्तीय सेवा कंपनियों द्वारा Greenwashing के मामलों में 70% की वृद्धि दर्ज की गई है। चलिए जानते है की ये Greenwashing क्या होता है?
Greenwashing क्या है? - What is Greenwashing in Hindi
'Greenwashing' शब्द पर्यावरणविद जे. वेस्टरवेल्ड ने वर्ष 1986 में दिया था। Greenwashing के अंतर्गत कंपनियां अपने Brands, अधिकतर उत्पादों या गतिविधियों को पर्यावरण से अनुकूल दिखाने का प्रयास करती है, जबकि वास्तव में ये पर्यावरण के अनुकूल नहीं होती है। इसके अलावा उत्पाद की पैकेजिंग को बदलकर पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाले उत्पादों की बिक्री या ऐसी गतिविधियां जारी रखी जाती हैं।
Greenwashing के प्रभाव - Effects of Greenwashing
- सतत् एवं पर्यावरण के अनुकूल प्रथाओं को लागू करने के लिये वास्तव में प्रतिबद्ध कंपनियाँ नुकसान पहुँचा सकती है क्योंकि ग्रीनवाशिंग से उपभोक्ताओं के लिये वास्तविक रूप से टिकाऊ उत्पादों और गलत तरीके से विपणन किये जाने वाले उत्पादों के बीच अंतर करना मुश्किल हो जाता है।
- ग्रीनवॉशिंग में संलग्न कंपनियों द्वारा उचित संवहनीय पहलों को कम किया जा सकता है।
- ग्रीनवॉशिंग, संवहनीयता में वास्तविक नवाचार को हतोत्साहित कर सकती है।
- जब कंपनियाँ सतही या भ्रामक हरित दावों के साथ उपभोक्ताओं को धोखा देती हैं तो वास्तव में टिकाऊ/स्थायी समाधान विकसित करने के क्रम में निवेश की उनकी प्रेरणा में कमी आ सकती है। यह समग्र रूप से पर्यावरण के अनुकूल उत्पादों के निर्माण को बाधित करता है।