गुलाब और कैक्टस - Rose and Cactus Short Moral Stories in Hindi
Rose and Cactus Short Moral Stories in Hindi
एक बार की बात हैं, दूर एक रेगिस्तान में, एक गुलाब था जिसे अपने सुंदर रूप पर बहुत गर्व था | उसके पास ही एक कैक्टस का पौधा था |
हर रोज, सुन्दर गुलाब कैक्टस का अपमान करता था और उसके रूप का मजाक बनाता था, जबकि कैक्टस शांत रहता था | आसपास के अन्य सभी पौधों ने गुलाब को समझाने का बहुत प्रयास किया परन्तु गुलाब अपनी सुंदरता के नशे में चूर था |
एक बार बहुत तेज गर्मी पड़ी और इस चिलचिलाती गर्मी के कारण रेगिस्तान का पूरा पानी सुख गया जिस वजह से सभी पेड़ - पौधे मुरझाने लगे | वही गुलाब भी अब मुरझाने लगा और उसकी सुन्दर पंखुडिया भी सुख गयी और वह धीरे - धीरे अपनी सुंदरता को खोने लगा |
गुलाब ने कैक्टस की ओर देखा, उसने देखा की एक गौरैया पानी पीने के लिए अपनी चोंच को कैक्टस में डूबा रही हैं | हालांकि गुलाब को शर्म आ रही थी, पर फिर भी उसने कैक्टस से पूछा की क्या उसे कुछ पानी मिल सकता हैं ?
कैक्टस दयालु था वह आसानी से सहमत हो गया और उसने गुलाब को पानी दे दिया | इस तरह दोनों ने कठिन गर्मी का सामना किया |
सीख : कभी भी किसी को उनके दिखने के तरीके से नहीं आंकना चाहिए |
( Never judge anyone by the way they look. )
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