इस लेख में आपको एक बहुत ही दिलचस्प सवाल की '1 जनवरी को ही नया साल क्यों मनाया जाता है'? (Why We Celebrate New Year on 1st January in Hindi) का उत्तर विस्तारपूर्वक मिलेगा।
Table of Content
- 1 जनवरी को ही क्यों मनाया जाता है नया साल?
- क्यों मनाया जाता है नया साल?
- जनवरी कैसे बना साल का पहला महीना?
- जूलियस सीजर द्वारा कैलेंडर में बदलाव
- न्यू ईयर रेजोल्यूशन की शुरुआत कैसे हुई?
1 जनवरी को ही क्यों मनाया जाता है नया साल? - Why We Celebrate New Year on 1st January in Hindi
नया साल 1 जनवरी को ही क्यों मनाया जाता है? इस सवाल का जवाब जानने के लिए हमें इसके इतिहास को जानना पड़ेगा। तो चलिए जानते है, नया साल मनाने का क्या इतिहास है? इसकी शुरुआत कहां से हुई?
क्यों मनाया जाता है नया साल?
लगभग 45 ईसा पूर्व रोमन साम्राज्य में कैलेंडर का चलन हुआ करता था। रोम के तत्कालीन राजा नुमा पोम्पिलियस (Numa Pompilius) के समय कैलेंडर में 10 महीने होते थे। साल में 310 दिन और सप्ताह में 8 दिन। कुछ समय पश्चात् नुमा पोम्पिलियस ने कैलेंडर में बदलाव कर दिए और जनवरी को कैलेंडर का पहला महीना माना। 1 जनवरी को नया साल मनाने का चलन 1582 ई. के ग्रेगोरियन कैलेंडर (Gregorian Calendar) की शुरुआत के बाद हुआ।
जनवरी कैसे बना साल का पहला महीना?
1582 से पहले नया साल मार्च से बसंत ऋतु के आगमन पर शुरू होता था। लेकिन रोमन शासक नुमा पोम्पिलियस के फैसले के बाद जनवरी से साल की शुरुआत होने लगी। दरअसल मार्च महीने का नाम रोमन देवता मार्स के नाम पर रखा गया था जो युद्ध के देवता भी थे। वहीं जनवरी रोमन देवता जीनस के नाम से लिया गया है, जिनके दो मुंह थे। आगे वाला मुंह शुरुआत और पीछे वाला अंत माना जाता था। नुमा ने साल के आरंभ के लिए शुरुआत के देवता जीनस का चयन किया और इस तरह जनवरी साल का पहला महीना बन गया।
जूलियस सीजर द्वारा कैलेंडर में बदलाव
कहा जाता है कि रोमन शासक जूलियस सीजर ने 1 जनवरी से नए साल की शुरुआत की थी। दरअसल जूलियस सीजर को खगोलविदों से मुलाकात करने के बाद यह पता चला कि पृथ्वी 365 दिन और 6 घंटे में सूर्य की परिक्रमा लगाती है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए उन्होंने 310 की जगह साल में 365 दिन किए और इसी आधार पर जूलियन कैलेंडर में साल में 12 महीने स्थापित किए गए।
हालांकि साल 1582 में पोप ग्रेगरी (Pope Gregory) को जूलियन कैलेंडर में लीप ईयर को लेकर एक गलती मिली थी। बाद में इस बात पर ध्यान दिया गया और रोमन कैलेंडर में बदलाव करते हुए एक नया कैलेंडर ग्रेगोरियन कैलेंडर बनाया गया और तभी से हर साल 1 जनवरी से नए साल को मनाने की परंपरा की शुरुआत हुई।
न्यू ईयर रेजोल्यूशन की शुरुआत कैसे हुई?
दरअसल न्यू ईयर पर रेजोल्यूशन का चलन 5000 साल पुराना है। माना जाता है कि इसकी शुरुआत में मेसोपोटामिया के बेबीलोनी सभ्यता के दौरान हुई थी। जब नए साल के मौके पर वहां 12 दिन का त्यौहार मनाया जाता था। इस मौके पर बेबीलोन शहर के लोग एक-दूसरे से वादा करते थे। इसके तहत वे अपने राजा से वादा करते थे कि वह उन्हें समय पर कर्ज चुकाएंगे और अपने पड़ोसियों से अच्छे रिश्ते बनाने और खेती से जुड़े औजारों को वापस करने का वादा करते थे।
इसके अलावा प्राचीन रोम में भी नए साल पर लोग भगवान की आराधना कर उनसे अपनी जिंदगी बेहतर बनाने का वादा करते थे। वहीं चीन में रेजोल्यूशन को Good Luck माना जाता था। कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि रेजोल्यूशन का चलन आज से नहीं बल्कि हजारों साल पहले से चला आ रहा है।