Ads Area

अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (International Solar Alliance - ISA) क्या है? - To The Point

 

International Solar Alliance in Hindi


International Solar Alliance in Hindi 

हाल ही में भारत ने अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (International Solar Alliance - ISA) असेंबली के छठे सत्र की मेजबानी की है। इस सत्र का आयोजन नई दिल्ली में किया गया था। 


अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन-असेंबली इस गठबंधन की निर्णय लेने वाली सर्वोच्च संस्था है। इस असेंबली में प्रत्येक सदस्य देश का प्रतिनिधित्व होता है। 


  • यह ISA के फ्रेमवर्क समझौते के क्रियान्वयन से संबंधित निर्णय लेती है। साथ ही यह असेंबली इस समझौते के उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए की जाने वाली समन्वित कार्यवाइयों के संबंध में भी निर्णय लेती है। 


  • इसकी प्रतिवर्ष मंत्री स्तर पर बैठक होती है। 



International Solar Alliance क्या है?

ISA एक संधि पर आधारित अंतर्राष्ट्रीय अंतर-सरकारी संगठन है। इसे फ्रांस और भारत ने 2015 में पेरिस में आयोजित UNFCCC के पक्षकारों के सम्मेलन में लॉन्च किया था। इसका मुख्यालय भारत के हरियाणा राज्य के गुरुग्राम में स्थित है। भारत सहित 94 देशों ने इस पर हस्ताक्षर किए है और इसकी अभिपुष्टि की है। 


ISA के कार्य 

यह सौर ऊर्जा संचालित लागत प्रभावी और परिवर्तनकारी ऊर्जा समाधानों को विकसित करने एवं उपयोग में लाने के लिए प्रयास करता है। 


ISA द्वारा आरंभ की गई मुख्य पहलें 

  • सौर प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग संसाधन केंद्र (STAR-C) पहल
  • One Sun, One World, One Grid पहल आदि। 



ISA के छठे सत्र के मुख्य परिणामों पर एक नजर 

सौर परियोजनाओं के लिए व्यवहार्यता अंतराल वित्त-पोषण (VGF) की अधिकतम सीमा को परियोजना लागत के 10% से बढ़ाकर 35% तक कर दिया गया है। 


  • अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन ने VGF के लिए एक कार्यक्रम निर्मित किया है। यह कार्यक्रम विकासशील देशों में सौर परियोजनाओं के लिए निधि उपलब्ध कराता है। 


ISA ने घोषणा की है कि Global Solar Facility (GSF) को 35 मिलियन डॉलर का पूंजीगत योगदान प्राप्त हो सकता है। 

  • 2022 में, ISA असेंबली ने GSF को मंजूरी प्रदान की थी। GSF Off Grid सौर परियोजनाओं, रूप-टॉप सौर परियोजनाओं और उत्पादक उपयोग वाली सौर परियोजनाओं में पूंजी प्रवाह के लिए निजी पूंजी को आकर्षित करेगी। 


Global Solar Facility (GSF) निम्नलिखित उपलब्ध कराएगी:

  • भुगतान गारंटी निधि 
  • परियोजना से संबंधित जोखिमों को कम करने के लिए बीमा निधि 
  • तकनीकी सहायता के लिए निवेश निधि आदि। 


GSF पूरे अफ्रीका महाद्वीप के वंचित और सुदूर भौगोलिक क्षेत्रों में सौर परियोजनाओं में निवेश को बढ़ावा देगा। 

  • अफ्रीका के बाद GSF का लक्ष्य एशिया, लैटिन अमेरिका और मध्य-पूर्व जैसे क्षेत्रों में निवेश का विस्तार करना है। 



अन्य To The Point लेख:

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ

Ads Area