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Right To Information Act (RTI), 2005 क्या है? | RTI Act in Hindi | To The Point


RTI Act in Hindi


सूचना का अधिकार अधिनियम की पृष्ठभूमि - Background of RTI Act 2005 in Hindi

भारत में ब्रिटिश शासन के समय से ही कई ऐसे कानून चल आ रहे थे जो सरकारी सूचनाओं को पारदर्शी ना बनाकर गोपनीय बनाए रखने का प्रयास करते थे ताकि सरकार पर जनता का दबाव न बढ़े। कहा यह जाता था कि यह गोपनीयता देश की सुरक्षा के हित में है जबकि वास्तविकता यह थी कि इसका असली उद्देश्य सरकारी कर्मचारियों को उत्तरदायित्व से बचाना था। Official Secrets Act ऐसा ही एक कानून था जो अंग्रेजों की समय से चला रहा था। 


लोकतंत्र की स्थापना के पश्चात यह स्वाभाविक था कि जनता सरकार से जुड़ी सूचनाओं की मांग करें। दिसंबर 2002 में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) की सरकार ने 'सूचना की स्वतंत्रता का अधिनियम, 2002' (Freedom of Information Act) पारित किया। 2004 में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (UPA) की सरकार बनने के बाद इस सरकार ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन द्वारा पारित अधिनियम को निरस्त करके एक नया अधिनियम पारित किया जिसे 'सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005' (Right To Information Act) कहा जाता है। 



RTI Act, 2005 क्या है? - RTI Act in Hindi

RTI अधिनियम, 2005 भारतीय नागरिकों को सरकार से जानकारी प्राप्त करने का अधिकार देता है। इसे पहले लागू सूचना की स्वतंत्रता अधिनियम, 2002 के स्थान पर लाया गया है। 

  • RTI संविधान के अनुच्छेद 19 (1) के तहत प्रदत्त एक मौलिक अधिकार हैं। अनुच्छेद 19 (1) प्रत्येक नागरिक को वाक् (बोलने) और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की गारंटी देता है। 

  • कोई भी व्यक्ति जो भारत का नागरिक है या अनिवासी भारतीय है, वह RTI के तहत सूचना प्राप्त करने के लिए आवेदन कर सकता है। 
 
  • RTI (संशोधन) अधिनियम, 2019 के अनुसार केंद्र सरकार मुख्य सूचना आयुक्त (CIC) और सूचना आयुक्तों (ICs) के कार्यकाल की अधिसूचना जारी कर सकती है। 


RTI अधिनियम का महत्व - Importance of RTI Act in Hindi

  • यह सरकार की काम-काज में पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ावा देता है। 
  • भ्रष्टाचार को कम करने और लोकतंत्र को वास्तविक अर्थों में लोगों के लिए उपयोगी बनाने में मदद करता है। 
  • यह सरकारी रिकॉर्ड/डेटाबेस के प्रबंधन में सुधार करने में सहायक है। 


RTI से जुड़ी चुनौतियां - Challenges Related to RTI Act

  • लंबित आवेदनों की अधिक संख्या और आवेदनों की निपटने में देरी RTI से जुड़ी एक बड़ी चुनौती है। 30 जून 2023 तक 27 सूचना आयोग के अंतर्गत 3.21 लाख अपीलें और शिकायतें लंबित थी। 

  • पदों की रिक्ति एक अन्य चुनौती है। CIC वर्तमान में केवल चार आयुक्तों के साथ काम कर रहा है जबकि इसमें 7 पद रिक्त है। 


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