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पुराचुम्बकत्व क्या है ? - Palaeomagnetism In Hindi

दोस्तों, आज के इस लेख में हम पुराचुम्बकत्व (Palaeomagnetism In Hindi) के बारे में जानेंगे। पुराचुम्बकत्व, भूगोल का एक महत्वपूर्ण टॉपिक हैं। यह टॉपिक महासागरीय विस्थापन सिद्धांत व भू-चुंबकत्व से जुड़ा हुआ है।  


 पुराचुम्बकत्व क्या है ? What Is Palaeomagnetism In Hindi

Palaeomagnetism In Hindi


 पुराचुम्बकत्व के अंतर्गत चट्टानों और अवसादों में अंकित (Recorded) चुंबकीय आँकड़ों का अध्ययन किया जाता है। 


जब ज्वालामुखी उद्गार में लावा उद्गारित होता है तब यह धीरे-धीरे ठंडा होकर चट्टान में बदल जाता हैं और यदि लावा में लोहे की उपस्थिति होती हैं तब ठन्डे होते हुए लावे में "क्यूरी तापमान (Curie Temperature)" के नीचे लावा में उपस्थित लौह कण भी तत्कालीन भू-चुंबकीय दशाओं के अनुरूप चुंबकित हो जाते हैं। ऐसी चट्टानों में इनके निर्माण के समय के चुंबकीय आँकड़े रिकॉर्ड हो जाते हैं, इसका अध्ययन ही पुराचुम्बकत्व हैं। 

[ क्यूरी तापमान - वह अधिकतम तापमान जिस पर किसी लौह चुंबकीय पदार्थ का चुम्बकत्व का गुण समाप्त हो जाता हैं। ]


इन चट्टानों में ये आँकड़े तब तक उपस्थित रहते हैं जब तक की वह चट्टान पुनः तरल अवस्था में ना आ जाए। इन्हीं चट्टानों के अध्ययन से भूगर्भवेत्ता पृथ्वी के चुंबकीय ध्रुवों की जानकारी प्राप्त करते हैं। जैसा की हमने भू-चुम्बकत्व के लेख में पढ़ा की पृथ्वी के चुंबकीय ध्रुव स्थिर नहीं है, ये निरंतर परिवर्तित होते रहते हैं। 


पृथ्वी के चुंबकीय ध्रुव उत्क्रमित होते रहते है, इस बात की पुष्टि "सागर नितल प्रसरण" प्रक्रिया के दौरान बनने वाले "मध्य महासागरीय कटक (Mid Ocean Ridge)" की चट्टानों से भी होती हैं। जब सागर नितल (महासागर की तली) पर अपसारी संवहन धाराओं द्वारा लगाए गए तनाव बल के कारण बनी भ्रंश के सहारे लावा का उद्गार होता है। इस लावा का तापमान अत्यधिक होने के कारण इसमें कोई चुंबकीय गुण नहीं होता हैं, किन्तु जब यह लावा ठंडा होता है और तापमान, क्यूरी तापमान से नीचे आ जाता हैं तब इसमें उपस्थित लौह कण उस समय के भू-चुंबकीय ध्रुवों के अनुकूल चुंबकित (आज भू-चुम्बकत्व के ध्रुवों की जो दिशा हैं, उसके आँकड़े (Data) उस चट्टान में इकट्ठा हो जायेंगे) हो जाते है। कटकों के समीप नई चट्टानें पाई जाती हैं जबकि कटकों के मध्य भाग से दूर जाने पर इनकी आयु में वृद्धि होती जाती हैं। इस कारण महासागरीय कटकों के समीप वाली नई चट्टानों में "सामान्य चुंबकीय ध्रुवण" पाया जाता हैं और कटकों से दूर वाली चट्टानों अर्थात पुरानी चट्टानों में "उत्क्रमित चुंबकीय ध्रुवण" (विपरीत चुंबकीय ध्रुव) पाया जाता हैं। 


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