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भारतीय संविधान के अनुच्छेद 33, 34 व 35

इस लेख में भारतीय संविधान के भाग III के अनुच्छेद 33 (Article 33 in Hindi), अनुच्छेद 34 (Article 34 in Hindi) व अनुच्छेद 35 (Article 35 in Hindi) के बारे में जानकारी दी गई है। 


Article 33 in Hindi


अनुच्छेद 33 - Article 33 in Hindi 

भारतीय संविधान के अनुच्छेद 33 में 4 प्रकार के व्यक्तियों का उल्लेख किया गया है -

  1. कानून व्यवस्था लागू करने वाले व्यक्ति। 
  2. सशस्त्र बल (Armed Force) के सदस्य। 
  3. आसूचना (गुप्तचर) सेवाओं (Intelligence) से सम्बंधित व्यक्ति। 
  4. महत्वपूर्ण दूरसंचार सेवाओं से सम्बंधित व्यक्ति। यथा - 108 (एम्बुलेंस), 100 (पुलिस) आदि 

उपर्युक्त व्यक्तियों के मौलिक अधिकार 'राज्य' तय करेगा। 


अनुच्छेद 34 - Article 34 in Hindi

अनुच्छेद 34 के अनुसार "जब सैनिक कानून (martial law) लागू हो तो मौलिक अधिकार कम या समाप्त किये जा सकते है"। 


यहाँ ध्यान रखने योग्य बात है की सैनिक कानून (martial law) व सैनिक शासन (military rule) दोनों अलग-अलग है। 

1. सैनिक शासन क्या होता है? -What is Military Rule?

सैनिक शासन में देश का शासन सेना के हाथों में होता है। सैनिक शासन को भारतीय संविधान मान्यता नहीं देता है। 

2. सैनिक कानून क्या होता है? -What is Martial Law?

भारत के संविधान व संसद के कानून दोनों में कहीं भी martial law को परिभाषित नहीं किया गया है। लेकिन राजनीति विज्ञान में martial law की परिभाषा निम्नलिखित है -

"यदि सशस्त्र विद्रोह, गृहयुद्ध अथवा आतंकवाद आदि के कारण कोई क्षेत्र घोर अशांति का शिकार हो जाए तथा देश की अखंडता के लिए खतरा उत्पन्न हो जाए तो उस क्षेत्र को सेना के नियंत्रण में दे दिया जाता है या उस क्षेत्र में सेना की शक्तियों को बढ़ा दिया जाता है, तो इससे सम्बंधित कानून को 'सैनिक कानून' (Martial Law) कहा जाता है"।  

Ex. AFSPA - Armed Forces (Special Powers) Act


अनुच्छेद 35 - Article 35 in Hindi 

अनुच्छेद 35 के अनुसार "मौलिक अधिकारों से सम्बंधित कानून बनाने का अधिकार 'संसद' को होगा"। 


Other Fundamental Rights:

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